Tuesday, July 13, 2010

प्रिय राजा

एक राजा के बारे में बड़ा मशहूर था कि उसके राज्य में सभी सुखी हैं चारों ओर जहाँ देखो वहीँ राज्य के कोने कोने में किले बावली सरायं बनवाई गयी थीं। उसके बारे में मशहूर था कि आज तक उसके राज्य में कोई विद्रोह नहीं हुआ।
एक पडोसी राजा ने जब ये सुना तो उसने विचार किया के वोह जाकर देखेगा कि आखिर ऐसा क्या है उस राजा में। जब राजा सुबह सुबह अपने महल से दरबार में जाने लगा तो वोह भी रास्ते में सड़क के किनारे खड़ा हो गया उसने देखा कि पूरी प्रजा में उसके निकलने से पहले चारों ओर अफरातफरी मच गयी जो जहाँ था वहीँ दम साधे खड़ा हो गया। लेकिन वोह अचंभित राह गया जब उसने देखा कि राजा बिलकुल नग्न अपने रथ पे सवार अपने दरबार कि ओर जा रहा है। इसी बीच एक छोटी सी बच्ची राजा को नग्न देख के हसने लगी राजा ने तुरंत अपने सैनिकों को हुक्म दिया कि उस बच्ची को उसके रथ के नीचे दाल दिया जाय और कमाल कि बात ये हुई कि पूरी प्रजा इस घिनौने नज़ारे को खड़ी देखती रही. दूसरे राजा को बात समझ में आ गयी।
आज हम आप भी ऐसी ही व्यवस्था में जी रहे हैं पर कमाल कि बात है यहाँ हर राजा एक जैसा है हमें अपनी जुबान चुप रखनी है क्यूंकि हमारा राजा बहोत अच्छा है। जुबान खोली नहीं कि हम रथ के नीचे डाल दिए जायेंगे। दम घुटता ऐसी व्यवस्था से मेरा तो घुटता है आपका नहीं घुटता क्या

Sunday, February 28, 2010